दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)
आपस में बड़े प्यार से बेगाने मिलेंगे।
(आपस में बड़े प्यार से बेगाने मिलेंगे।)
दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)
आपस में बड़े प्यार से बेगाने मिलेंगे।
(आपस में बड़े प्यार से बेगाने मिलेंगे।)
हर देश से पहुंचेंगी दर्शन को निगाहें।
(हर देश से पहुंचेंगी दर्शन को निगाहें।)
चारों तरफ ही माई के परवाने मिलेंगे।
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
ये उम्र गुजर जाए, ये उम्र गुजर जाए।
ये उम्र जाए, मैय्या जी की बस्ती में।
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल।
क्या जाने कोई क्या है, मेरे माई का दरबारा।
(क्या जाने कोई क्या है, मेरे माई का दरबारा।)
सबसे बड़ा है जग में मेरे माई का दरबारा।
(सबसे बड़ा है जग में मेरे माई का दरबारा।)
चेहरे चढ़े हुए हैं माई के रहमतों के।
(चेहरे चढ़े हुए हैं माई के रहमतों के।)
प्यारा सजा हुआ है मेरी माई का दरबारा।
(प्यारा सजा हुआ है मेरी माई का दरबारा।)
भक्तों की हैं कतारें माई के दर पे देखो।
(भक्तों की हैं कतारें माई के दर पे देखो।)
भक्तों की हैं कतारें माई के दर पे देखो।
दुल्हन सा लग रहा है मेरी माई का दरबारा।
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
ये उम्र गुजर जाए, ये उम्र गुजर जाए।
ये उम्र गुजर जाए मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल।
सबसे हसीन देखो मेरी माई का दरबारा।
(सबसे हसीन देखो मेरी माई का दरबारा।)
रहमत का है भंडारा मेरी माई का दरबारा।
(रहमत का है भंडारा मेरी माई का दरबारा।)
तारे करम से सबको मेरी माई का दरबारा।
(तारे करम से सबको मेरी माई का दरबारा।)
ममता लूटा रहा है मेरी माई का दरबारा।
(ममता लूटा रहा है मेरी माई का दरबारा।)
अमीर और गरीब सभी मां के दर पे आते।
(अमीर और गरीब सभी मां के दर पे आते।)
अमीर और गरीब सभी मां के दर पे आते।
रहमत का है खजाना मेरी माई का दरबारा।
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
ये उम्र गुजर जाए, ये उम्र गुजर जाए।
ये उम्र गुजर जाए मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल।
मेरे दिल की बस दुआ है मेरी मां के दर पे जाऊं।
(मेरे दिल की बस दुआ है मेरी मां के दर पे जाऊं।)
जीवन वहीं गुजारूं कभी लौट के न आऊं।
(जीवन वहीं गुजारूं कभी लौट के न आऊं।)
गुणगान करूं मां का जीवन सफल बनाऊं।
(गुणगान करूं मां का जीवन सफल बनाऊं।)
चरणों में अपने मां के श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं।
(चरणों में अपने मां के श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं।)
बस रात दिन भवानी तेरा भजन में जाऊं।
(बस रात दिन भवानी तेरा भजन में जाऊं।)
बस रात दिन भवानी तेरा भजन में जाऊं।
दुनिया को भूल तुझमें मैं बारी बारी जाऊं।
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।
ये उम्र गुजर जाए, ये उम्र गुजर जाए।
ये उम्र गुजर जाए मैय्या जी की बस्ती में।
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
(तकदीर मुझे ले चल, मैय्या जी की बस्ती में।)
तकदीर मुझे ले चल।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 13 जुलाई को श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के साथ रविवार का दिन है। आज श्रवण नक्षत्र के साथ प्रीति योग का निर्माण हो रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 14 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के साथ सोमवार का दिन है। इसके साथ ही आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ आयुष्मान् योग का निर्माण हो रहा है। आज सावन का पहला सोमवार भी है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 15 जुलाई को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पञ्चमी तिथि के साथ मंगलवार का दिन है। 15 जुलाई 2025 का राशिफल आपके लिए कुछ खास संकेत लेकर आया है।
हिंदू धर्म में सावन मास का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए। इसी क्रम में सावन के मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी और शुभफलदायी माना जाता है।