कथा

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

करवा चौथ व्रत कथा

सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

दशहरा-विजयादशमी की पौराणिक कथा

शारदीय नवरात्र के बाद 10वें दिन दशहरे का त्योहार देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

पितृ पक्ष की पौराणिक कथा

संतान के द्वारा श्राद्धकर्म और पिंडदान आदि करने पर पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे अपनी संतानों को धन-धान्य और खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं।

धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

दिवाली पूजन कथा

सनातन धर्म में दिवाली का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं

रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह पर्व प्रतिवर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें पूजा करके अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सफलता एवं दीर्घायु की कामना करती हैं।

यशोदा जयंती क्यों मनाते हैं?

यशोदा जयंती भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गोकुल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी पर जरूर पढ़ें ये कथा

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था।