हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए (Hey Prabhu Anand Data Gyan Humko Deejiye)

प्रेरणादायी स्कूल प्रार्थना हे प्रभो आनन्ददाता ज्ञान हमको दीजिए गीत रचना स्कूलों में छात्रों व शिक्षकों की मधुर वाणी के रूप में महाकवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी के काव्य साहित्य की देन है।


हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।


लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,

ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें,

ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें,

दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में,

हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा,

मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें,

प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें,

ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें ।

॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥


हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

........................................................................................................
भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे ।
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥

दुर्गा माता कथा

एक समय बृहस्पति जी ब्रह्माजी से बोले- हे ब्रह्मन श्रेष्ठ! चौत्र व आश्विन मास के शुक्लपक्ष में नवरात्र का व्रत और उत्सव क्यों किया जाता है?

देवी लक्ष्मी स्तोत्रम्

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्र​जाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

हे करुणा मयी राधे, मुझे बस तेरा सहारा है (Hey Karuna Mayi Radhe Mujhe Bas Tera Sahara Hai)

हे करुणा मयी राधे,
मुझे बस तेरा सहारा है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने