माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कब डालोगी, मेरे घर फेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कोई न सहारा, बेसहारा अम्बे राणीऐ,
जाऊँगा ना खाली, तेरे द्वार से
तूँ है मेरी माता यह तो, सारा जग जानता है,
बेटा कह दे, तूँ भी कभी प्यार से
हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
मुझे दाती, दुखों ने घेरा
मुझे दाती, दुखों ने घेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
तेरे बिना मईया इक्क, पल भी ना गुजरे,
बोल कैसे, जिंदगी गुजारूँ मैं
हर पल याद, सताए तेरी अम्बिके,
हर पल तुझको, पुकारूँ मैं
हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कब होगा, सुखों का सवेरा
कब होगा, सुखों का सवेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कोई भी सवाली तेरे, दर पे जो आया,
कभी खाली ना, लौटाया महारानीए
रखो मेरी लाज, कभी रहूँ ना मोहताज़,
तेरा युगों तक, राज रहे राणीऐ
हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
मेरे दिल में, करो बसेरा
मेरे दिल में, करो बसेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
झण्डेवाली मईया जो भी, झुका तेरे चरणों में,
झण्डे झूले, उसके आसमान में
तेरा जो दीवाना जग, उसका दीवाना मिले,
मान उसे, सारे ही जहान में
हे माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
मैं चंचल, बाल हूँ तेरा
मैं चंचल, बाल हूँ तेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
कब डालोगी, मेरे घर फेरा
तेरे बिन, जी नहीं लगता मेरा,
माँ ! मुझे तेरी जरूरत है ।
साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा मार्गशीर्ष पूर्णिमा है, जो 15 दिसंबर को पड़ रही है। यह पूर्णिमा तिथि लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है और इसके शुभ प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, और मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।
पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।