गजानंद बेगा आओ, साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ (Gajanand Bega Aao Saath Riddhi Siddhi Ne Lavo)

आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


शुभ लाभ थे सबने बांटों,

भंडारा में थाके काहे को घाटों,

सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,

रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,

मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


माता पिता छे थाका गौरी शंकर,

जा का गला में सोहे नाग भयंकर,

गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥


आओ गजानंद प्यारा,

बेगा पधारो गणपति जी,

दुन्दाला, सुंडाला,

गजानंद बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,

गजानन्द बेगा आओ,

साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥

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सकट चौथ यम नियम

सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ (Tumhi Me Ye Jivan Jiye Ja Raaha Hoon)

तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥

तर जाएगा ले नाम राम का - भजन (Tar Jayega Le Naam Ram Ka)

तर जाएगा ले नाम राम का,
कहीं बीत ना जाए,

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