नवीनतम लेख
आओ गजानंद प्यारा,
बेगा पधारो गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानंद बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥
शुभ लाभ थे सबने बांटों,
भंडारा में थाके काहे को घाटों,
सबसे पहले थाने मनावा गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥
महिमा निराली देवा थाकि गजानंद,
रिद्धि सिद्धि पति पूर्ण ब्रम्हानंद,
मोदक को थे भोग लगाओ गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥
माता पिता छे थाका गौरी शंकर,
जा का गला में सोहे नाग भयंकर,
गंगा जा के सर पे विराजे गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥
आओ गजानंद प्यारा,
बेगा पधारो गणपति जी,
दुन्दाला, सुंडाला,
गजानंद बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ,
गजानन्द बेगा आओ,
साथ रिद्धि सिद्धि ने ल्याओ ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।