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तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


गाड़ी दिलवाई तूने घर बनवाया,

मैंने उस घर में तेरा मंदिर बनाया,

मन के मंदिर में मैंने तुमको बिठाया,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तेरे ही नाम का तिलक लगाऊं,

तिलक लगाऊं तेरी भक्ति बढ़ाऊं,

शिव शिव रट तेरी अलख जगाऊँ,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


यहाँ हर गली में बसता शिवा है,

बच्चा हो बूढ़ा हो सब भजता शिवा है,

डम डम डमरू बजायो रे भोलेबाबा,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥

पौष मास है छोटा पितृ पक्ष

पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। सूर्यदेव के कन्या राशि में आने पर होने वाले मुख्य पितृ पक्ष के अलावा इस माह में भी श्राद्ध तथा पिंडदान के अलावा भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

सामा-चकेवा और मुढ़ी-बतासे

सामा-चकेवा मिथिलांचल में भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल सप्तमी से कार्तिक पूर्णिमा तक नौ दिन चलता है।

बोल पिंजरे का तोता राम (Bol Pinjare Ka Tota Ram)

बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,

राम को मांग ले मेरे प्यारे (Ram Ko Maang Le Mere Pyare)

राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा

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