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रिद्धी सिद्धी दातार, तुमसे गये देवता हार(Riddhi Siddhi Datar Tumse Gaye Devta Haar)

रिद्धी सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥


देवों में हुई लड़ाई,

मैं बड़ा हूँ तुम छोटे हो,

ब्रह्मा के पास निर्णय को,

आये छोटे मोटे है,

सुनकर के ब्रह्मा ने,

सुनकर के ब्रह्मा ने,

मन ही मन कियो विचार,

रिध्धि सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥


बोले ब्रह्मा श्रष्टि की,

परिक्रमा प्रथम लगाओ,

आए जो सबसे पहले,

वो परम पुरुष कहलाए,

उठ करके दौड़े है,

उठ करके दौड़े है,

सब हो सवार असवार,

रिध्धि सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥


बोले गणेश सृष्टि के,

साक्षात रूप पितु माता,

इनको तज कर क्यो भटके,

ये देव समझ नही आता,

उठ करके पितु मां की,

उठ करके पितु मां की,

करी परिक्रमा भारी,

रिध्धि सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥


सबसे पहले जा करके,

ब्रह्मा को शीश झुकाया,

चतुराई जान पितामह,

हस करके कंठ लगाया,

धन्य धन्य है जय जय हो,

धन्य धन्य है जय जय हो,

तेरे चरण कमल बलिहार,

रिध्धि सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥


रिद्धी सिद्धी दातार,

तुमसे गये देवता हार,

तेरी हो रही जय जयकार,

गौरी शंकर के प्यारे ॥

हे गणपति गजानन, मेरे द्वार तुम पधारो (Hey Ganpati Gajanan Mere Dwar Tum Padharo)

हे गणपति गजानन,
मेरे द्वार तुम पधारो,

जहाँ आसमां झुके जमीं पर (Jahan Aasman Jhuke Zameen Par)

जहाँ आसमां झुके जमीं पर,
सर झुकता संसार का,

दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का(Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,