नवीनतम लेख

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)

नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।

और चरण हो राघव के,

जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥


हो त्याग भारत जैसा,

सीता सी नारी हो ।

और लवकुश के जैसी

संतान हमारी हो ॥


नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।

और चरण हो राघव के,

जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥


श्रद्धा हो श्रवण जैसी,

शबरी सी भक्ति हो ।

और हनुमत के जैसी

निष्ठा और शक्ति हो ॥


नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।

और चरण हो राघव के,

जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥


मेरी जीवन नैया हो,

प्रभु राम खेवैया हो ।

और राम कृपा की सदा

मेरे सर छय्या हो ॥


नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।

और चरण हो राघव के,

जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥


सरयू का किनारा हो,

निर्मल जल धारा हो ।

और दरश मुझे भगवन

हर घडी तुम्हारा हो ॥


नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।


कौशल्या सी माई हो,

लक्ष्मण सा भाई ।

और स्वामी तुम्हारे जैसा,

मेरा रघुराई हो ॥


नगरी हो अयोध्या सी,

रघुकुल सा घराना हो ।


श्रद्धा हो श्रवण जैसी,

शबरी सी भक्ति हो ।

हनुमान के जैसे निष्ठा,

और शक्ती हो ॥


और चरण हो राघव के,

जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥

फाल्गुन अमावस्या पर शिववास में करें पूजा

हिंदू धर्म में अपना एक कैलेंडर है, जिसके मुताबिक हर 15 दिन में अमावस्या और 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है। कुछ ही दिनों बाद 27 फरवरी को फाल्गुन महीने की अमावस्या आने वाली है।

मेरी शेरावाली मां, बदलती तकदीरे (Meri Sherawali Maa Badalti Takdire)

कभी जल्दी जल्दी,
कभी धीरे धीरे,

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति

सनातन हिंदू धर्म में सूर्य देवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहार मनाने की परंपरा है। इन्‍हीं में से एक है मकर संक्रांति। शास्‍त्रों में मकर संक्रांति पर स्‍नान-ध्‍यान और दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे(Satguru Mere Kalam Hath Tere)

सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,
के सोहने सोहने लेख लिख दे,