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कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ (Kailash Ke Nivasi Namo Bar Bar Hoon)

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,

भगतो को कभी शिव ने निराश न किया,

माँगा जिसे चाहा वही वरदान दे दियां,

बड़ा है तेरा दायरा बड़ा दातार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


बखान क्या करू मैं रखो की ढेर का,

चुटकी कबूत में है खजाना कुबेर का,

हे गंगा धार मुक्ति धार ओम कार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


क्या क्या नहीं दिया है ये हम प्रमाण है,

तेरी किरपा के आसरे सारा जहां है,

ज़हर पिया जीवन दिया कितना उधार तू ,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


तेरी किरपा बिना न हिले इक भी अड़हु,

लेते है सांस तेरी दया से तनु तनु,

करदे ठाठ इक वार मुझको निहार तू,

आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,


कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके (Kabhi Durga Banke Kabhi Kali Banke)

कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

Shyam Teri Bansi Pukare Radha Naam (श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम - भजन)

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए (Damru Bajaye Ang Bhasmi Ramaye)

डमरू बजाए अंग भस्मी रमाए,
और ध्यान लगाए किसका,

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