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जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

प्रतीभा परमेश्वर परेश की

प्रतीभा परमेश्वर परेश की

जय जय जननी श्री गणेश की


जय महेश मुख चंन्द्र चंन्द्रीका

जय जय जय जय जगत अंबीका

जय महेश मुख चंन्द्र चंन्द्रीका

जय जय जय जय जगत अंबीका


वर दे माँ वरदान दायनी

वर दे माँ वरदान दायनी

बनु दायकी द्वारीकेश

जय जय जननी श्री गणेश की


शविनय विनती सुन हरी आये

आये अपनाये ले जाये

शविनय विनती सुन हरी आये

आये अपनाये ले जाये


सुखद सुखद बेना आये माँ

सुखद सुखद बेना आये माँ

सर्व सुमंगल ग्रीह पर्वेश की

सर्व सुमंगल ग्रीह पर्वेश की

जय जय जननी श्री गणेश की


प्रतीभा परमेश्वर परेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी (Main To Shiv Ki Pujaran Banugi)

मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,

चदरिया झीनी रे झीनी - भजन (Chadariya Jhini Re Jhini)

कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे हम रोये,

छठ पूजा: आदितमल के पक्की रे सड़कीया - छठ गीत (Aaditamal Ke Pakki Re Sadkiya)

आदितमल के पक्की रे सड़कीया,
कुजडा छानेला दोकान,

साल में दो दिन क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी, जानिए स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय के बारे में जो मनाते हैं अलग-अलग जन्माष्टमी?

जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन मनाने के पीछे देश के दो संप्रदाय हैं जिनमें पहला नाम स्मार्त संप्रदाय जबकि दूसरा नाम वैष्णव संप्रदाय का है।

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