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भोले तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए,

बाबा तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए ॥


सुनता हूँ तेरी रहमत,

दिन रात बरसती है,

एक बूँद जो मिल जाए,

मन की कलि खिल जाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


ये मन बड़ा चंचल है,

कैसे तेरा भजन करूँ,

जितना इसे समझाऊं,

उतना ही मचल जाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


नजरों से गिराना ना,

चाहे लाख सजा देना,

नजरो से जो गिर जाए,

मुश्किल है संभल पाए,

भोले तेरे चरणो की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


भोले इस जीवन में,

बस एक तमन्ना है,

तुम सामने हो मेरे,

मेरा दम ही निकल जाए,

राधे तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए ॥


भोले तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए,

सच कहता हूँ मेरी,

तकदीर बदल जाए,

बाबा तेरे चरणों की,

गर धूल जो मिल जाए ॥


जहाँ राम की चर्चा होती, आता बजरंग बाला (Jahan Ram Ki Charcha Hoti Aata Bajrang Bala)

जहाँ राम की चर्चा होती,
आता बजरंग बाला,

जगदीश जी की आरती (Shri Jagdish Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ(Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,

वृश्चिक संक्रांति का महत्व

वृश्चिक संक्रांति पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योंहार है। यह हिंदू संस्कृति में सौर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य जी की पूजा के लिए विशेष माना होता है। वृश्चिक संक्रांति के समय सूर्य उपासना के साथ ही मंगल ग्रह शांति एवं पूजा करने से मंगल ग्रह की कृपा होती है।

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