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बजरंगी महाराज, तुम्हे भक्त बुलाते है (Bajrangi Maharaj Tumhe Bhakt Bulate Hai)

बजरंगी महाराज,

तुम्हे भक्त बुलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


अज्ञान बालक है,

चरणों के पायक है,

तू ही सिरमौर है,

नादान बिलकुल है,

ये बात सच्ची है,

तेरे बिन नहीं और है,

बैठे ले उम्मीद,

तुमको आज रिझाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


तुम वीर बलकारी,

शंकर के अवतारी,

अजब तेरी शान है,

तू राम का प्यारा,

तू श्याम का प्यारा,

बड़ा तू गुणवान है,

जल्दी आ जाओ,

तेरी ज्योत जलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


भक्ति का दाता है,

शक्ति का दाता है,

वीर बलधारी हो,

जो भी शरण आया,

खाली ना लौटाया,

बड़े उपकारी हो,

अभय दान दे दो,

यही आस लगाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


दीनो के हितकारी,

अर्जी सुनो म्हारी,

प्रभु सिर हाथ धरो,

लेकर तुम्हारा नाम,

करते तुम्हे प्रणाम,

हमें भव पार करो,

‘जयराम’ बलिहारी,

तुम्हे भजन सुनाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


बजरंगी महाराज,

तुम्हे भक्त बुलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥

मैं भोला पर्वत का - शिव भजन (Main Bhola Parvat Ka)

मैं भोला पर्वत का
रै तू राणी महला की

हमारे बालाजी महाराज, सभी के कष्ट मिटाते है (Hamare Balaji Maharaj Sabhi Ke Kast Mitate Hain)

हमारे बालाजी महाराज,
सभी के कष्ट मिटाते है,

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी (Prarthana Hai Yahi Meri Hanuman Ji)

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए,

मान अकबर का घटाया है (Maan Akbar Ka Ghataya Hain)

मां ज्वाला तेरी देवीय शक्ति, नमन करूं श्रीनायक।
मान भक्तों का बढ़ाया है रे, मान भक्तों का बढ़ाया है।

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