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आये है दिन सावन के (Aaye Hain Din Sawan Ke)

आये है दिन सावन के,

गंगा जल से भर के गगरिया,

गंगा जल से भर के गगरिया,

शिव को कावड़ चढ़ावन के,

आये हैं दिन सावन के,

आये हैं दिन सावन के ॥


यही है दुनिया में देव अकेला,

लगे है यहाँ कावड़ियो का मेला,

आये है दिन शिव भक्तो के,

आये है दिन शिव भक्तो के,

हर हर बम बम गावन के,

आये हैं दिन सावन के,

आये हैं दिन सावन के ॥


यही वो दिन बाबा माल लुटाये,

यहाँ से कोई खाली हाथ ना जाए,

भोलेनाथ से जी भर मांगो,

भोलेनाथ से जी भर मांगो,

आये है दिन मांगण के,

आये हैं दिन सावन के,

आये हैं दिन सावन के ॥


आओ जी सारे झूमो नाचो गाओ,

मचाओ ‘बनवारी’ धमाल मचाओ,

आये है दिन शिव शंभू के,

आये है दिन शिव शंभू के,

हमको पास बुलावन के,

आये हैं दिन सावन के,

आये हैं दिन सावन के ॥


आये है दिन सावन के,

गंगा जल से भर के गगरिया,

गंगा जल से भर के गगरिया,

शिव को कावड़ चढ़ावन के,

आये हैं दिन सावन के,

आये हैं दिन सावन के ॥

भानु सप्तमी कब है ?

भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य देव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।

वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

देख लिया संसार हमने देख लिया(Dekh Liya Sansar Hamne Dekh Liya)

देख लिया संसार हमने देख लिया,
सब मतलब के यार हमने देख लिया ।

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राम लक्ष्मण के संग जानकी,
जय बोलो हनुमान की,

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