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राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

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राम आरती होन लगी है

 जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है

भक्ति का दीपक प्रेम की बाती, आरति संत करें दिन राती,

आनन्द की सरिता उभरी है, जगमग जगमग.......


कनक सिंघासन सिया समेता, बैठहिं राम होइ चित चेता,

वाम भाग में जनक लली है, जगमग जगमग.......

आरति हनुमत के मन भावै, राम कथा नित शंकर गावै,

सन्तों की ये भीड़ लगी है, जगमग जगमग.......

गावत यश ब्रम्हा मुनि नारद, अन्य मुनि जे पथ परमारथ,

हनुमान पद प्रीत जगी है, जगमग जगमग.......

बाम भाग सिय सोहत कैसी, ब्रम्ह जिव विच माया जैसी,

भरत शत्रुघ्न चवर फबी है, जगमग जगमग.......

करत अपावन पावन जग में, नाम राम को आवत हिय में,

मन मंदिर में आस लगी है, जगमग जगमग.......


जगमग जगमग जोत जली है, राम आरती होन लगी है

बोलिये श्रीरामचन्द्र भगवान की जय

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ (Hey Jyoti Roop Jwala Maa)

हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।

उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

सफला एकादशी व्रत कैसे करें

साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। ये सभी भगवान विष्णु को समर्पित होते है। एकादशी व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है, जो प्रत्येक माह में दो बार आती है।

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