।। आरती ।।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एक दन्त दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़ें मेवा,
लडुअन के भोग लगा संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश….
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।
हार चढ़ें फूल चढ़ें और चढ़ें मेवा,
लडुअन को भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश…..
दीनन की लाज रखो, शंभू सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊँ बलिहारी।।
सूर श्याम शरण आये, सफल कीजे सेवा,
लडुअन को भोग लगे संत करें सेवा।।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेव।।
गणेश जी की आरती का शुभ दिन और समय
आरती करने से पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। आरती के दौरान गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और दीपक जलाएं। आरती के बाद, प्रसाद वितरित करें।
श्री रामचन्द्र जी की आरती | भगवान गङ्गाधर जी की आरती | राम रघुवीर जी की आरती | हनुमानलला जी की आरती | श्री पितर जी की आरती | श्री कुबेर जी की आरती | श्री जगदीश जी की आरती | यमुना माता जी की आरती | शिव जी की आरती | श्री धन्वन्तरि जी की आरती
चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह दिन नकारात्मक ऊर्जा, आत्माओं और मृत पूर्वजों से जुड़ा हुआ है।
मत्स्य जयंती भगवान विष्णु के पहले अवतार, “मत्स्यावतार” अर्थात् मछली अवतार की विशेष पूजा के रूप में मनाई जाती है।
29 मार्च 2025 का दिन खगोलीय दृष्टि से बेहद खास और दुर्लभ रहने वाला है। लगभग 100 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब सूर्यग्रहण और शनि गोचर एक ही दिन हो रहे हैं।
29 मार्च के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन शनि देव भी मीन राशि में गोचर करेंगे। यह एक दुर्लभ महासंयोग है जो राशियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।