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आरती श्री पितर जी की (Aarti of Shri Pitar Ji Ki)

॥ श्री पितर आरती ॥


जय पितरजी महाराज, जय जय पितरजी महाराज।

शरण पड़यो हूँ थारी, राखो हमरी लाज॥


आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे।

मैं मूरख कछु न जानू, आप ही हो रखवारे॥

जय पितरजी महाराज....


आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी।

हम सब शरण हैं आपकी, सुनिए अरज हमारी॥

जय पितरजी महाराज....


देश परदेश सब जगह,आप ही करो सहाई।

काम पड़े पर नाम आपको, लगे बहुत सुखदाई॥

जय पितरजी महाराज....


भक्त सभी हैं शरण आपकी,अपने सहित परिवार।

रक्षा करो आप ही सबकी, रटूँ मैं बारम्बार॥

जय पितरजी महाराज....


जय पितरजी महाराज, जय जय पितरजी महाराज।

शरण पड़यो हूँ थारी, राखो हमरी लाज॥


पितरदेव महाराज की जय

भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता (Bhakti Aur Shakti Ke Data Ram Charan Se Jinka Nata)

भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,

कहियो दर्शन दीन्हे हो, भीलनियों के राम (Kahiyo Darshan Dinhe Ho Bhilaniyo Ke Ram)

पंथ निहारत, डगर बहारथ,
होता सुबह से शाम,

आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,
उन बिन और सकल बेकाम ॥

गुप्त नवरात्रि 12 राशियों पर प्रभाव

साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।