मां काली की पूजा विधि

बुराई और नकारात्मकता का का नाश करने वाली हैं मां काली, इस विधि से करें माता की पूजा


मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं। साथ ही उन्हें नजरदोष से भी बचाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त माता काली की पूजा विधिवत रूप से करता है। उसके जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती है और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब असुरों ने देवताओं को पराजित कर दिया, तो मां दुर्गा ने काली का रूप धारण करके असुरों का वध किया। एक अन्य कथा के अनुसार, मां काली ने भगवान शिव को उनके क्रोध को शांत करने के लिए अपनी जीभ बाहर निकाली थी। अब ऐसे में इनकी पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 

मां काली की पूजा के लिए सामग्री यहां पढ़ें


  • मां काली की प्रतिमा
  • लाल फूल
  • धूप
  • दीप
  • नैवेद्य 
  • लाल वस्त्र
  • कुमकुम
  • चावल
  • गंगाजल
  • काली मिर्च
  • लौंग
  • इलायची
  • बताशे
  • सिंदूर
  • कपूर
  • धूपबत्ती
  • अगरबत्ती
  • तेल
  • घी
  • तिल
  • जौं
  • चावल
  • लाल चन्दन
  • काली हल्दी
  • गुड़
  • पंचामृत
  • लाल चुनरी
  • लाल चूड़ियां
  • लाल बिंदी
  • महावर
  • आलता

मां काली की पूजा विधि


  • पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।
  • एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और मां काली की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • प्रतिमा के सामने धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
  • सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें।
  • फिर मां काली का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
  • मां काली के मंत्रों का जाप करें।
  • ऊं क्रीं कालिकायै नमः
  • ऊं महाकाल्यै नमः
  • ऊं क्लीं कालीके फट
  • मां काली को लाल फूल, विशेषकर अड़हुल का फूल अर्पित करें।
  • मां काली को मिठाई, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
  • धूप, दीप जलाएं और आरती करें।
  • अंत में माता से क्षमा जरूर करें और दंडवत प्रणाम करें। 
  • काली पूजा रात्रि में की जाती है। आप चाहे तो पंडित जी के बताए अनुसार किसी भी समय कर सकते हैं। 

मां काली की पूजा से मिलते हैं ये लाभ


मां काली शक्ति की प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ती है। मां काली नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं। उनकी पूजा से भय, चिंता और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। मां काली की कृपा से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। उनकी पूजा से कार्यों में सिद्धि मिलती है। मां काली की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा से आत्मा की शुद्धि होती है और जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति मिलती है।  मां काली की पूजा तंत्र-मंत्र में भी महत्वपूर्ण है। उनकी साधना से अद्भुत सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

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आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में त‍िरुमाला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित तिरुपति मंदिर विश्व का सबसे प्रसिद्ध है। यहां आने के बाद बैकुंठ जैसी अनुभूति होती है।

मेरी मां के बराबर कोई नहीं

ऊँचा है भवन, ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान, मैया तेरी
चरणों में झुकें बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए (Bheja Hai Bulava Tune Shera Waliye)

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

चला फुलारी फूलों को (Chala Phulari Phulon Ko)

चला फुलारी फूलों को
सौदा-सौदा फूल बिरौला

डिसक्लेमर

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