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लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि

लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि

Lakshmi Panchami Puja Vidhi: जानिए लक्ष्मी पंचमी की पूजा विधि, ऐसी पूजा करने से होती है माता लक्ष्मी प्रसन्न

लक्ष्मी पंचमी का पर्व विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से  माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है। यह दिन भक्तों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।


मां लक्ष्मी को अर्पित करें हल्दी और गुड़

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
  • माता लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें फिर पंचामृत से अभिषेक करें।
  • चंदन और रोली से माता को तिलक लगा कर फिर मां को सिन्दूर लगाएं।
  • माता लक्ष्मी को अक्षत, कमल का फूल और सुपारी अर्पित करें।
  • लक्ष्मी पंचमी के दिन मां लक्ष्मी को अनाज, हल्दी, गुड़ और अदरक अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • मां लक्ष्मी को खीर, मखाने, नारियल, अनार, पान और अन्य मिठाइयों का भोग लगाएं।
  • फिर लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।
  • साथ ही, लक्ष्मी पंचमी कथा का भी पाठ करें और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • पूजा संपन्न होने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।


लक्ष्मी पंचमी पूजा में इन बातों का भी रखें खास ध्यान  

पूजा के दौरान मन मे शांति और पवित्रता बनाए रखें। साथ ही, प्रत्येक पूजा सामग्री को श्रद्धा और आदरपूर्वक मां लक्ष्मी को अर्पित करें। माता लक्ष्मी की पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में करें, क्योंकि यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है। घी का दीया और धूप दिखाकर मां लक्ष्मी से अपने घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने की प्रार्थना करें, और पूजा के दौरान की गई गलतियों के लिए भी क्षमा प्रार्थना करें।


लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि का महत्व 

लक्ष्मी पंचमी की पूजा विधि को विधिवत रूप से करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इसलिए, इस शुभ दिन पर माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए, इससे जीवन से आर्थिक तंगी समाप्त होती है। 


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वैशाख 2025 में चंद्र दर्शन कब है

हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। अमावस्या के बाद जब पहली बार आकाश में चंद्रमा दिखाई देता है, उसी दिन को चंद्र दर्शन कहा जाता है।

परशुराम चालीसा पाठ की विधि

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परशुराम जयंती की पूजा विधि

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क्या भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं

हिन्दू धर्म में भगवान परशुराम प्रमुख और चिरंजीवी यानि अमर देवताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार कहा गया है, जिनका धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतार हुआ था।

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