माघ गुप्त नवरात्रि विशेष उपाय

हर संकट से बचाएगा गुप्त नवरात्रि का ये उपाय, बस 9 दिन करें इस विधि से पूजा


साल 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से प्रारंभ हो रही है। माघ मास में पड़ने के कारण यह गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है। इस बार माघ मास में महाकुंभ भी है। ऐसे में इस गुप्त नवरात्रि का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। जिनके जीवन में कष्ट चल रहा है या फिर कोई समस्या है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान विशेष उपाय करने से राहत मिल सकती है। तो आइए, इस आर्टिकल में माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं। 

इस उपाय से बढ़ाएं अपने जीवन में सुख 


सुख समृद्धि और सम्मान में वृद्धि के लिए गुप्त नवरात्रि में हर रोज रात में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और मां को लाल फूलों की माला चढ़ाएं। इसके साथ ही चांदी की कोई वस्तु मां के श्रीचरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सफलता, खुशी, आनंद और प्रेम में वृद्धि होती है। बता दें कि गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है। साथ ही तंत्र साधना के लिए यह नवरात्रि उत्तम मानी जाती है।

धन वृद्धि हेतु करें यह विशेष उपाय


गुप्त नवरात्रि में हर रोज रात में मां आदिशक्ति की पूजा अर्चना करें। साथ ही नवरात्रि के पहले दिन 9 गोमती चक्र लेकर मां के पास रख दें। इसके बाद अंतिम दिन की पूजा करने के बाद गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर धन के स्थान जैसे अलमारी या तिजोरी के अंदर रख दें। ऐसा करने से धन धान्य में वृद्धि होती है और मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है।

नौकरी में सफलता के लिए करें यह उपाय 


गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के 12वें अध्याय के 21 बार पाठ करें। साथ ही लौंग और कपूर के साथ आरती उतारें। नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के मंदिर में लाल रंग का झंडा चढ़ाएं। ऐसा करने से घर में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही नौकरी व व्यापार में उन्नति होती है और धन प्राप्ति के मार्ग बनते हैं। माता की कृपा से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है।

आपसी प्रेम बढ़ाने हेतु विशेष उपाय 


परिवार में सुख-शांति और समृद्धि के लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान रात के समय मां आदिशक्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और सिंदूर अर्पित करें। साथ ही नौ बताशों में दो लौंग रखें और माता को अर्पित करें। ऐसा करने से तरक्की के रास्ते खुलते हैं और सभी सदस्यों में आपसी प्रेम भी बना रहता है।

इस उपाय से घर में पधारेंगी माता लक्ष्मी  


गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक हवन करें और घी में कमलगट्टों को भिगोकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें। नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महानंदा नवमी तिथि के दिन नौ कन्याओं को घर में बुलाकर पूरी-सब्जी के साथ मखाने की खीर का भोग लगाएं। साथ ही उन्हें दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहेगा और घर में लक्ष्मी का आगमन होगा। 

अड़चन दूर करने हेतु भैरव बाबा की करें आराधना 


जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति के लिए नवरात्रि के दौरान रात के समय मां दुर्गा की पूजा कपूर लौंग से आरती करें। 'सब नार करहिं परस्पर प्रीति चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति' मंत्र का 21 बार हर दिन जप करें। साथ ही हर रोज भैरव बाबा के मंदिर में प्रार्थना करें। ऐसा करने से सभी अड़चन दूर होती हैं और सभी कार्य धीरे धीरे बनने लग जाते हैं।

........................................................................................................
चदरिया झीनी रे झीनी - भजन (Chadariya Jhini Re Jhini)

कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे हम रोये,

आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा और महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं (Bhole Baba Tere Darbar Mein Jo Aate Hai)

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते है ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।