अक्षय तृतीया एक अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, जिसे ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है। यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती।
अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी, भूमि, वाहन और कपड़े की ख़रीदारी को शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन नमक की खरीदारी का विशेष महत्व होता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर नमक खरीदने से जीवन में बिना किसी रुकावट के सुख-समृद्धि बनी रहती है। पौराणिक शास्त्रों और लोक मान्यताओं के अनुसार, नमक का संबंध शुक्र ग्रह से होता है और शुक्र ग्रह धन, ऐश्वर्य, प्रेम और वैवाहिक जीवन के देवता माने जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन शुक्र ग्रह की स्थिति शुभ होती है, इसलिए इस दिन नमक खरीदना और उसे घर में रखना शुभ और फलदायी माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक में नकारात्मक ऊर्जा को खींचने की क्षमता होती है। इसे घर के कोनों में रखने से बुरी ऊर्जा समाप्त होती है। इसी कारण से नमक को खरीदने का महत्व उन लोगों के लिए और अधिक हो जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी की खरीदारी नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अगर आप अक्षय तृतीया पर महंगी चीजें नहीं खरीद पा रहे हैं, तो एक छोटी सी पुड़िया नमक खरीदकर लाना भी आपके लिए सुख और समृद्धि का द्वार खोल सकता है।
भारत एक ऐसा देश है, जहां हर कहीं कई किस्से कहानियां है। यहां के हर शहर हर राज्य में कई कहानियां देखने को मिलती है। हर शहर के नाम के पीछे कोई न कोई पौराणिक कहानी है।
भारत में दिवाली का पर्व हर जगह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन, अयोध्या की दिवाली की बात ही कुछ और है। राम नगरी अयोध्या में हर साल दीपोत्सव के दौरान दिवाली को अत्यंत भव्य तरीके से मनाया जाता है।
रोशनी और उमंग के त्योहार के रूप में देशभर में दीपावली धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली धन और खुशहाली का प्रतीक भी है।