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सूर्य मंत्र

ॐ सूर्याय नमः 

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः 

ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

ॐ घृणि सूर्याय नमः

ॐ घृणि सूर्य्यः आदित्यः

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय,

मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।


रोम रोम में बस हुआ है एक उसी का नाम(Rom Rom Me Basa Hua Hai Ek Usi Ka Naam)

रोम रोम में बसा हुआ है,
एक उसी का नाम,

ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (O shankar Mere Kab Honge Darshan Tere)

ओ शंकर मेरे,
कब होंगे दर्शन तेरे,

कृपा करे रघुनाथ जी, म्हने सत देवे सीता माता (Kripa Kare Raghunath Ji Mhane Sat Deve Sita Mata)

कृपा करे रघुनाथ जी,
म्हने सत देवे सीता माता,

भोले बाबा की निकली बारात है (Bhole Baba Ki Nikli Baraat Hai)

भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,

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