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Aaj Ka Panchang 21 March 2025: आज 21 मार्च 2025 चैत्र माह का पांचवा दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर सिद्धि योग रहेगा इसके बाद शाम 6 बजकर 37 मिनट से व्यतीपात योग रहेगा। वहीं आज चंद्रमा वृश्चिक राशि से धनु राशि पर संचार करेगा। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। आज तिथि के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। यह व्रत मां संतोषी और वैभव लक्ष्मी को समर्पित है। साथ ही आज शीतला सप्तमी भी है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा का हमारे जीवन पर खास प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ये हमारी मानसिक स्थिति, भावनाओं और विचारों का प्रतीक है। 21 मार्च 2025 को चंद्रमा वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर करेगें, वहीं सूर्य देव मीन राशि में रहेंगे।
21 मार्च यानि आज शीतला सप्तमी है। इस दिन महिलाएं उपवास रखकर शीतला माता की पूजा अर्चना करती हैं और दिन भर बासी भोजन का सेवन करती हैं। बता दें कि शीतला माता भगवती दुर्गा का ही रूप मानी जाती हैं, और उनकी उपासना शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए की जाती है।
21 मार्च को सिद्धि योग और व्यतीपात योग बन रहा है। सिद्धि योग को अधिकांश कार्यों के लिए शुभ माना जाता है, जबकि व्यतीपात की सम्पूर्ण अवधि को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये यह अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। आप आज मां संतोषी और वैभव लक्ष्मी की पूजा विधवत रूप से करें। चावल, दूध, चीनी या इससे बनी खीर का दान करें। साथ ही संतोषी माता को भोग में चना और गुड़ चढ़ाना शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि आज शीतला सप्तमी भी है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माता शीतला को संक्रामक रोगों और बीमारियों से सुरक्षा देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। खासकर गर्मी के मौसम में माता शीतला की पूजा से शरीर की स्वच्छता और पर्यावरण की रक्षा की जाती है, जो आज भी हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्कंद पुराण में माता शीतला का वाहन गर्दभ है। वे अपने हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाडू) तथा नीम के पत्ते धारण करती हैं। जो चेचक का रोगी की परेशानी को हर देते हैं। सूप से रोगी को हवा की जाती है। झाडू से चेचक के फोड़े फट जाते हैं।
आज ज्येष्ठा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। साथ ही चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन मां संतोषी और वैभव लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। साथ ही आज शीतला सप्तमी भी है। रंगपंचमी के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार को शीतला सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से मारवाड़ी समाज के लोग गुड़ के गुलगुले और गुड़ का भात बनाकर शीतला माता को भोग अर्पित करते हैं। इस दिन महिलाएं उपवास रखकर शीतला माता की पूजा अर्चना करती हैं और दिन भर बासी भोजन का सेवन करती हैं। बता दें कि शीतला माता भगवती दुर्गा का ही रूप मानी जाती हैं, और उनकी उपासना शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए की जाती है।
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