नवीनतम लेख
साल 2024 की पौष माह की अमावस्या सोमवार, 30 दिसंबर को पड़ रही है। यह साल 2024 की आखिरी अमावस्या होने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा का विधान है। इसके साथ ही इस पवित्र दिन किए गए कुछ उपायों से आप अपने पितरों की भी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन पितृ चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
।।दोहा।।हे पितरेश्वर आपको दे दो आशीर्वाद,चरण शीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ।सबसे पहले गणपत पाछे घर का देव मनावा जी।हे पितरेश्वर दया राखियो,करियो मन की चाया जी।।।। चौपाई ।।नाथ सकल संपदा तुम्हारी,मैं सेवक समेत सुत नारी।छप्पन भोग नहीं हैं भाते,शुद्ध जल से ही तृप्त हो जाते।तुम्हारे भजन परम हितकारी,छोटे बड़े सभी अधिकारी।भानु उदय संग आप पुजावै,पांच अँजुलि जल रिझावे।ध्वज पताका मण्ड पे है साजे,अखण्ड ज्योति में आप विराजे।सदियों पुरानी ज्योति तुम्हारी,धन्य हुई जन्म भूमि हमारी।शहीद हमारे यहाँ पुजाते,मातृ भक्ति संदेश सुनाते।जगत पित्तरो सिद्धान्त हमारा,धर्म जाति का नहीं है नारा।हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाईसब पूजे पित्तर भाई।हिन्दू वंश वृक्ष है हमारा,जान से ज्यादा हमको प्यारा।गंगा ये मरुप्रदेश की,पितृ तर्पण अनिवार्य परिवेश की।बन्धु छोड़ ना इनके चरणाँ,इन्हीं की कृपा से मिले प्रभु शरणा।चौदस को जागरण करवाते,अमावस को हम धोक लगाते।जात जडूला सभी मनाते,नान्दीमुख श्राद्ध सभी करवाते।धन्य जन्म भूमि का वो फूल है,जिसे पितृ मण्डल की मिली धूल है।श्री पित्तर जी भक्त हितकारी,सुन लीजे प्रभु अरज हमारी।निशिदिन ध्यान धरे जो कोई,ता सम भक्त और नहीं कोई।तुम अनाथ के नाथ सहाई,दीनन के हो तुम सदा सहाई।चारिक वेद प्रभु के साखी,तुम भक्तन की लज्जा राखी।नाम तुम्हारो लेत जो कोई,ता सम धन्य और नहीं कोई।जो तुम्हारे नित पाँव पलोटत,नवों सिद्धि चरणा में लोटत।सिद्धि तुम्हारी सब मंगलकारी,जो तुम पे जावे बलिहारी।जो तुम्हारे चरणा चित्त लावे,ताकी मुक्ति अवसी हो जावे।सत्य भजन तुम्हारो जो गावे,सो निश्चय चारों फल पावे।तुमहिं देव कुलदेव हमारे,तुम्हीं गुरुदेव प्राण से प्यारे।सत्य आस मन में जो होई,मनवांछित फल पावें सोई।तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई,शेष सहस्त्र मुख सके न गाई।मैं अतिदीन मलीन दुखारी,करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी।अब पितर जी दया दीन पर कीजै,अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै।।। दोहा ।।पित्तरों को स्थान दो, तीरथ और स्वयं ग्राम।श्रद्धा सुमन चढ़ें वहां, पूरण हो सब काम।झुंझनू धाम विराजे हैं, पित्तर हमारे महान।दर्शन से जीवन सफल हो, पूजे सकल जहान।।जीवन सफल जो चाहिए, चले झुंझनू धाम।पितृ चरण की धूल ले, हो जीवन सफल महान।।
अमावस्या तिथि पर खास उपायों द्वारा पितृ दोष से भी मुक्ति पाई जा सकती है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर पिंडदान, तर्पण आदि करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। वहीं, पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए अमावस्या तिथि पर पितृ चालीसा का पाठ करना एक बढ़िया उपाय है। साथ ही इस दिन पर ब्राह्मणों को भोजन भी करवाना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा भी देनी चाहिए। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होंते हैं और आपके ऊपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।