श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा ( Shri Krishna Janam bhoomi Temple, Mathura)

दर्शन समय

3:00 AM - 11:00 PM

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का महत्व:

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यहाँ पर हिंदू समुदाय के लोग भगवान कृष्ण के जन्म के स्थल को पूजते हैं, जो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का महत्व इसलिए है क्योंकि यहाँ पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, जिसने भगवद गीता के माध्यम से मानवता को ज्ञान और धर्म की महत्वपूर्ण शिक्षाएं दीं। उनकी लीलाएं, कथाएं और उपदेश भगवान कृष्ण की अद्वितीय प्रतिभा और भक्ति का प्रतीक हैं।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के दर्शन करने का अर्थ है कि भक्त अपने जीवन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति को स्थापित करते हैं। यह स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक उत्साह को बढ़ावा देता है और लोगों को भगवान के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त करने का एक सांस्कृतिक माध्यम प्रदान करता है।

इस प्रकार, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, जो भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रेरित करता है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की कथा:

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा के पीछे एक रोमांचक कथा है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ 'भागवत पुराण' से जुड़ी है।

कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय, मथुरा नगर का राजा कंस अत्यंत अत्याचारी और अन्यायी राजा था। कंस का भयंकर तानाशाही राज्य में लोगों का जीवन दुखद था।

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय, उनके पिता वसुदेव ने अपने दोस्त नंद बाबा के घर की ओर गए थे। उन्होंने अपने नए जन्मजात बच्चे को लेकर मथुरा नगर से बाहर निकलने का प्रयास किया।

भगवान कृष्ण का जन्म होते ही अस्तित्व में आए, और उन्होंने अपने पिता को ले कर गोकुल नगर में पहुंचे। वहाँ, नंद बाबा और यशोदा माता ने उन्हें पालने का निश्चय किया।

कंस को पता चला कि भगवान कृष्ण जन्म ले चुके हैं, और वह उन्हें मारने का निश्चय किया। उन्होंने अनेक कांसी वाणी (बच्चों को मारने वाली तलवार) भेजीं और अनेक अजीबोगरीब योजनाएँ बनाईं।

इस प्रकार, भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के पास कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं जो उनकी महिमा और शक्ति को प्रकट करती हैं।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा की विधि :

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा में पूजन की विधि बहुत ही सामान्य है, जो अनेक अन्य हिंदू मंदिरों में भी पाई जाती है। यहाँ पर मुख्यतः श्रीकृष्ण भगवान की पूजा की जाती है, जिन्हें अवतार माना जाता है।

पूजन की विधि निम्नलिखित है:

  1. स्नान: पूजन की शुरुआत में, मंदिर में पहुँचकर भक्त श्रीकृष्ण जी को जल से स्नान कराते हैं। इसके लिए पवित्र जल या गंगाजल का उपयोग किया जाता है।


  1. धूप और दीप: धूप और दीपक की उपस्थिति महत्वपूर्ण है। पूजा के दौरान, धूप और दीपक जलाए जाते हैं, जो आराधना का हिस्सा होता है।


  1. पुष्पांजलि: भक्त श्रीकृष्ण जी के चरणों में फूल चढ़ाते हैं, जो भगवान को समर्पित किया जाता है।


  1. भोग: भक्तों द्वारा भगवान के लिए भोग चढ़ाया जाता है, जो उन्हें प्रसन्न करने का माध्यम होता है।


  1. भजन और कीर्तन: पूजा के दौरान, भक्तों द्वारा भजन और कीर्तन किया जाता है, जो भक्ति और आत्मिक संयम में मदद करता है।


  1. आरती: पूजा के समापन के समय, भक्तों द्वारा आरती उतारी जाती है, जिससे भक्तिमय वातावरण में श्रीकृष्ण जी की महिमा गाई जाती है।

ये सामान्य पूजन विधि हैं, जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा में पारंपरिक रूप से पालन की जाती हैं, जिससे भक्त अपने मन, शरीर और आत्मा को भगवान के समीप और उसके दिव्य शक्तियों के साथ मिलाते हैं।


श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाएं।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, भारत के विभिन्न स्थानों से पहुंचने के लिए कई प्रकार की परिवहन सुविधाएं हैं। यहां पर कुछ मुख्य सुविधाएं हैं:

  1. रेलवे: मथुरा रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के मुख्य स्टेशनों में से एक है। यहां से अनेक ट्रेनें दैनिक आधार पर अनेक शहरों से आती हैं।


  1. बस सेवा: मथुरा के लिए बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं। बहुत से राज्यीय और प्राइवेट बसें अन्य शहरों से मथुरा आती हैं।


  1. टैक्सी और ऑटोरिक्शा: मथुरा में टैक्सी और ऑटोरिक्शा सेवाएं भी उपलब्ध हैं। रेलवे स्टेशन से या अन्य स्थानों से आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा किराए पर ले सकते हैं।


  1. प्राइवेट वाहन: यदि आपके पास खुद का वाहन है, तो आप मथुरा के लिए अपने खुद के वाहन का उपयोग कर सकते हैं। शहर में पार्किंग भी उपलब्ध है।


  1. हवाई यातायात: नजदीकी लखनऊ और आगरा जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से मथुरा तक हवाई यात्रा भी संभव है। हवाई यात्रा के बाद, आप टैक्सी या बस सेवाओं का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

इन सभी परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके आप मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।


श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा के आस-पास रुकने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है:

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, के आसपास कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस के विकल्प निम्नलिखित हैं, जो आपको आरामदायक रहने का विकल्प प्रदान कर सकते हैं।

  1. होटल वृंदावन (Hotel Vrindavan): यह होटल मंदिर के पास स्थित है और यात्रीयों को सुविधाजनक और साफ-सुथरा रहने का वादा करता है।


  1. गोविन्दा लॉज (Govinda Lodge): यह लॉज मंदिर के निकट स्थित है और सस्ते रेट पर अच्छे सुविधाएँ प्रदान करता है।


  1. श्री बांके बिहारी गेस्ट हाउस (Shri Banke Bihari Guest House): यह गेस्ट हाउस भी मंदिर के पास स्थित है और आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।


  1. होटल राधा कृष्ण (Hotel Radha Krishna): यह होटल भी मंदिर के बगल में स्थित है और परिवार के साथ रहने के लिए उपयुक्त है।


  1. मुकुंद गेस्ट हाउस (Mukund Guest House): यह गेस्ट हाउस भी मंदिर के करीब है और आरामदायक रहने की व्यवस्था करता है।


  1. द्वारिकाधीश गेस्ट हाउस (DwarikaDheesh Guest House): यह गेस्ट हाउस मंदिर के बगल में स्थित है और आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।


  1. यमुना पालेस (Yamuna Palace): यह होटल मंदिर के आसपास है और अच्छे सुविधाओं के साथ समृद्ध अनुभव प्रदान करता है।


  1. राधा कुंज (Radha Kunj): यह गेस्ट हाउस भी मंदिर के पास स्थित है और पर्यटकों को सुविधाजनक रहने का विकल्प प्रदान करता है।


  1. गोपाल गेस्ट हाउस (Gopal Guest House): यह गेस्ट हाउस मंदिर के करीब स्थित है और शांतिपूर्ण वातावरण में आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।


  1. कृष्णा विला (Krishna Villa): यह होटल भी मंदिर के पास है और आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे आप अपनी यात्रा को और भी सुखद बना सकते हैं।

इन होटलों और गेस्ट हाउस का चयन करके आप श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, मथुरा, के आसपास आरामदायक रह सकते हैं और अपनी यात्रा को अधिक सुखद बना सकते हैं।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।