इंदिरापुरम का सबसे प्रसिद्ध बालाजी धाम मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। वैसे तो इस मंदिर का नाम श्री सिद्ध मनोकामना हनुमान मंदिर है, लेकिन स्थानीय निवासी इस मंदिर को इंदिरापुरम वाले हनुमान जी के नाम से पहचानते है। ये मंदिर इंदिरापुरम में प्रवेश करने से पहले ही दाहिने हाथ पर पड़ता है। मंदिर में स्थापित सभी विग्रह सुंदर, आकर्षक एवं मन को मोहने वाले हैं, साथ में मंदिर के अंदर की सजावट एवं कलाकृतियां उनकी शोभा को और भी बढ़ा देते हैं।
बालाजी मंदिर की स्थापना श्री राजकुमार गुप्ता जी द्वारा सन् 2013 की हनुमान जयंती के दिन की गई। मंदिर के प्रांगण में हर दिन प्रातः 7 बजे से 8 बजे तक महिला मंडली द्वारा कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
मंदिर में ही भगवा रंग का शिवलिंग है। कहा जाता है कि, जिस भक्त को स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, वह इसी शिवलिंग की पूजा करने के बाद हनुमान जी महाराज को सामने अरदास लगाता है। इसके साथ ही प्राचीन वृक्ष भी है जिसमें मन्नत का धागा बांध कर लोग हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं।
हनुमान जयंती मंदिर का सबसे भव्य महोत्सव होता है, जो भक्तों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसी दिन मंदिर का वार्षिक उत्सव भी मनाया जाता है। राम-जानकी विवाह ऐसे मानाया जाता है जैसे सच में भगवान का विवाह हो रहा हो, इसके अंतर्गत विवाह के सभी कार्यक्रम साधारण विवाह की ही तरह किए जाते हैं।
मंगलवार और शनिवार के दिन मंदिर में भक्तों की संख्या अन्य दिनों से ज्यादा होती है। इस दिन भक्त श्री बालाजी महाराज को प्रसाद एवं चोला अर्पित करते हैं। हर मंगलवार को मंदिर में संकीर्तन मंडली द्वारा सुंदरकांड का पाठ किया जाता है, जिसके उपरांत भंडारा प्रसाद की व्यवस्था की जाती है। मंदिर में दोनों शिवरात्रि, नवरात्रि, जन्माष्टमी, तुलसी विवाह एवं शनि जयंती बड़े ही उत्साह से मनाई जाती है।
हवाई मार्ग - यहां का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली एयरपोर्ट है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन गाजियाबाद रेलवे स्टेशन है। यहां से आप टैक्सी या बस के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग - यहां के लिए आप NH-24 या NH-58 का उपयोग कर सकते है। इंदिरापुरम में कई प्रमुख मार्ग है जो आपको मंदिर तक पहुंचा सकते हैं।
मेट्रो द्वारा - दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन का उपयोग करके आप गाजियाबाद आ सकते हैं।
मंदिर का समय - ये मंदिर सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक खुलता है।
छठ पर्व भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है। छठ महापर्व का देशभर में प्रचलन बढ़ रहा है।
छठ पूजा कोई आम पर्व नहीं बल्कि एक महापर्व है जो भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में मनाया जाता है।
छठ पूजा भारतीय सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्यदेव और छठी माता को समर्पित है। इस पूजा में ठेकुआ एक प्रमुख प्रसाद होता है।
छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। विशेष रूप से बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मईया की आराधना का प्रतीक है।