मध्य प्रदेश

बागेश्वर धाम मंदिर, छतरपुर (Bageshwar Dham Temple, Chhatarpur)

भारत में कई पवित्र धाम है। कहते हैं कि इन धामों में जाकर श्रद्धालुओं को अपने कष्टों में मुक्ति मिलती है। बागेश्वर धाम भी इन्हीं में से एक है। इस जगह को लेकर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है।

रानगिर हरसिद्धि माता मंदिर, सागर, मध्यप्रदेश

रानगिर मंदिर में गिरी थी माता की जांघ, मां के 3 रूपों के होतें है दर्शन

नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश (Naagachandreshvar Mandir, Ujjain, Madhy Pradesh)

महाकाल ज्योतिर्लिंग के लिए मशहूर धार्मिक नगरी उज्जैन में एक से बढ़कर एक चमत्कारिक मंदिर और उनके रहस्य छिपे हैं।

नागद्वारी शिवमंदिर, मध्य प्रदेश (Nagdwari Shiv Mandir, Madhya Pradesh)

नागद्वारी का अनोखा शिवमंदिर: दर्शन के लिए तय करना होगा अनगिनत सांपों से भरा रास्ता

मतंगेश्वर मंदिर, खजुराहो (Matangeshwar Mandir, Khajuraho)

मध्यप्रदेश का विश्व प्रसिद्ध खजुराहो शहर यहां मौजूद मंदिरों पर हजार साल पुरानी स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है।

चौंसठ योगिनी मंदिर, जबलपुर (Chaunsath Yogini Mandir, Jabalpur)

मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी और नर्मदा की गोद में बसे जबलपुर में कई ऐसे एतिहासिक मंदिर है जो अपने आप में अनोखे और अद्भुत माने जाते हैं।

खजराना गणेश मंदिर, इंदौर (Khajrana Ganesh Mandir, Indore)

मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी और मिनी मुंबई के नाम से मशहूर इंदौर शहर विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान रखता हैं।

अन्नपूर्णा माता मंदिर, इंदौर (Annapurna Mata Mandir, Indore)

मध्यप्रदेश अपने धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां के धार्मिक स्थल अपने आप में अनोखे और चमत्त्कारी है।

पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर (Pashupatinath Mandir, Mandsaur)

भारत के हृदय यानि की मध्य प्रदेश में भगवान शिव के कई अनोखे और चमत्कारी मंदिर हैं।

शारदा माता मंदिर, मैहर (Sharda Mata Mandir, Maihar)

मध्यप्रदेश के सतना जिले में ऊंची पहाड़ी पर मां शारदा का एक मंदिर है, लोग इस मंदिर का मैहर के शारदा माई मंदिर के नाम से भी जानते है।

लक्ष्मण मंदिर खजुराहो (Lakshman Mandir Khajuraho)

वैसे तो पूरे मध्यप्रदेश में प्राचीन वास्तुकला और हस्तशिल्प का अद्भुत भंडार देखने को मिलता है लेकिन राज्य में वास्तुशिल्प का सही और बेहरतीन उदाहरण खजुराहो में मिलता है।

चतुर्भुज मंदिर, ओरछा (Chaturbhuj Mandir, Orchha)

पूरी दुनियाा में मध्यप्रदेश को भारत के दिल यानी ह्रदयप्रदेश के नाम से भी जाना जाता है।

सास-बहू मंदिर, ग्वालियर (Saas Bahu Mandir, Gwalior)

मध्य प्रदेश में कई मंदिर हैं जो चमत्कारी और सिद्ध माने जाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे मंदिर भी प्रसिद्ध हुए जो अपनी किवंदतियों और स्थापत्य कला के लिए पहचाने जाने लगे।

कंदरिया महादेव मंदिर, खजुराहो (Kandariya Mahadev Mandir, Khajuraho)

मध्यप्रदेश के खजुराहो के मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और मुड़े पत्थरों की कारीगरी के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।

ओंकारेश्वर मंदिर, खंडवा (Onkaareshvar Mandir, Khandava)

सनातन संस्कृति में भगवान शिव के कई रूप बताए गए हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव अपने अलग-अलग रूप में भक्तों को आशीर्वाद देकर उनकी मनोकामना को पूरा करते हैं।

पीतांबरा सिद्धपीठ, दतिया (Pitambara Siddhapeeth, Datia)

पौराणिक ग्रंथों में मां जगत जननी भगवती के कई स्वरूपों का वर्णन मिलता है। इनमें दस महाविद्याओं के बारे में भी जानकारी मिलती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार दस महाविद्याओं में काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती, मातंगी, कमला और बगलामुखी देवी के नाम हैं। इन्हीं दस महाविद्याओं में से एक देवी बगलामुखी को हरिद्रा(हल्दी) के रंग जैसी वस्तुएं बहुत प्रिय हैं जिसके चलते इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है।

चिंतामण गणेश मंदिर, सीहोर (Chintaaman Ganesh Mandir, Seehor)

श्री गणेश अपने चिंतामण रूप के देश में कुल चार स्थानों पर विराजित हैं। इनमें से दो मंदिर देश के हृदय कहे जाने वाले राज्य मध्यप्रदेश में जबकि एक गुजरात और एक राजस्थान में है। मध्य प्रदेश में चिंतामण गणेश के दो मंदिरों में पहला भोपाल संभाग के सीहोर जिले में और दूसरा उज्जैन के पास ग्राम ज्वासिया में है।

बड़ा गणेश मंदिर, उज्जैन (Bada Ganesh Temple, Ujjain)

विश्व भर में प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने आप में अनोखे और सिद्ध हैं। भगवान भोलेनाथ भगवान श्री गणेश के पिता हैं इसलिए जहां बाबा विराजते हैं, वहां उनके पुत्र का होना लाजमी सी बात है।

चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन (Chintaman Ganesh Temple, Ujjain)

पूरे विश्व में वैसे तो भगवान गणेश के कई अनोखे और चमत्कारी मंदिर हैं उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर तीर्थ स्थलों की सूची में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उज्जैन से करीब 6 किलोमीटर दूर जवास्या गांव में भगवान श्री गणेश का यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर में नवविवाहित जोड़ों के साथ, नए वाहन खरीदने वाले लोग विशेष रूप से विघ्नविनाशक गणेश का आशीर्वाद लेने आते हैं। चिंतामण गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश के तीन रूप एक साथ विराजमान है। यही वजह से कि दूर-दूर से भक्त यहां खिंचे चले आते हैं।

काल भैरव मंदिर, उज्जैन (Kaal Bhairav Mandir, Ujjain)

महाकाल की नगरी उज्जैन में दर्शनीय तीर्थ स्थलों की भरमार है। यहां बाबा महाकाल के अलावा कई ऐसे मंदिर हैं जो बहुत अनोखे और रहस्यमयी हैं। काशी के पंडितों की मान्यता है कि भगवान कालभैरव भगवान शिव उग्र अवतार हैं और ये बुराई का विनाश करते हैं।

विजयासेन माता मंदिर, सलकनपुर (Vijayasen Maata Mandir, Salakanapur)

माता आदिशक्ति को कई रूप में पूजा जाता है। जब-जब किसी दैत्य ने पृथ्वी पर उत्पात मचाया, तो माता आदिशक्ति ने अलग-अलग रूप में दुष्टों का संहार कर विश्व का कल्याण किया है। मध्य प्रदेश के सलकनपुर में भी माता का एक भव्य मंदिर है, जो इसी तरह की एक कथा से प्रसिद्ध है।

राजा राम मंदिर, ओरछा (Raja Ram Mandir, Orchha)

मध्यप्रदेश में प्रभु श्री राम का ऐसा अनोखा मंदिर है जहां पर भगवान श्री राम की राजा राम के रूप में पूजा की जाती है। राजा राम मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है।

मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन (Mangalanaath Mandir, Ujjain)

मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध उज्जैन नगरी में महाकालेश्वर मंदिर के अलावा भी कई ऐसे पौराणिक मंदिर है जो अपने आप में अनोखे हैं। इन मंदिरों के पीछे कई कहानियां, किवंदती और कथाएं हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन (Shree Mahaakaaleshvar Mandir, Ujjain)

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थलों में प्रथम श्रेणी का ऐतिहासिक स्थल है। महाकाल मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान शिव के महाकाल रूप का मंदिर है।

भोजपुर महादेव मंदिर, भोजपुर, रायसेन (Bhojapur Mahaadev Mandir, Bhojapur, Raayasen)

भारत समेत दुनिया भर में महादेव के कई सारे मंदिर हैं, इन मंदिरों में शिव के अलग-अलग स्वरूप हैं जहां उनकी कई तरहों से उपासना होती है।

पीताम्बरा पीठ मंदिर (Peetaambara Peeth Mandir)

पीताम्बरा पीठ दतिया शहर मे स्थित देश का एक प्रशिद्ध शक्तिपीठ है। श्री गोलोकवासी स्वामीजी महाराज ने 1935 में इस जगह पर “बगलामुखी देवी ” एवं “धूमवाती माता ” की स्थापना की थी।

ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)

नर्मदा नदी के मध्य ओमकार पर्वत पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिंदुओं की चरम आस्था का केंद्र है ।