शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर


आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥


निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव,

जगत सर्जक प्रलय करता, शिवम सत्यम सुंदरा ॥


निरंकार स्वरूप कालेश्वर, महा योगीश्वरा,

दयानिधि दानिश्वर जय, जटाधार अभयंकरा ॥


शूल पानी त्रिशूल धारी, औगड़ी बाघम्बरी,

जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशम्भरा ॥


नाथ नागेश्वर हरो हर, पाप साप अभिशाप तम,

महादेव महान भोले, सदा शिव शिव संकरा ॥


जगत पति अनुरकती भक्ति, सदैव तेरे चरण हो,

क्षमा हो अपराध सब, जय जयति जगदीश्वरा ॥


जनम जीवन जगत का, संताप ताप मिटे सभी,

ओम नमः शिवाय मन, जपता रहे पञ्चाक्षरा ॥


आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,

कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥


कोटि नमन दिगम्बरा..


कोटि नमन दिगम्बरा..


कोटि नमन दिगम्बरा..

........................................................................................................
तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है (Tere Swagat Mein Maiya Ji Maine Palke Bichayi Hai)

तेरे स्वागत में मैया जी,
मैंने पलके बिछाई है,

दया कर दान विद्या का(Daya Kar Daan Vidya Ka Hume Parmatma Dena)

दया कर दान विद्या का,
हमें परमात्मा देना,

भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं। इन्हें, केशव, कन्हैया, श्याम, गोपाल, द्वारकेश या द्वारकाधीश और वासुदेव इत्यादि नामों से भी जाना है। श्रीकृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण वासुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे।

वैकुंठ द्वारम, तिरूमाला मंदिर

वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।

यह भी जाने