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दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं

दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं

दारिद्र्य दहन शिवस्तोत्रं


विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय

कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय ।

कर्पूरकान्ति धवलाय जटाधराय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥१॥


गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय

कालान्तकाय भुजगाधिप कङ्कणाय ।

गंगाधराय गजराजविमर्दनाय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥२॥


भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय

उग्राय दुर्गभवसागर तारणाय ।

ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥३॥


चर्मम्बराय शवभस्मविलेपनाय

भालेक्षणाय मणिकुण्डल मण्डिताय ।

मंझीर पादयुगलाय जटाधराय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥४॥


पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय

हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय ।

आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥५॥

 

भानुप्रियाय भवसागरतारणाय

कालान्तकाय कमलासन पूजिताय ।

नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥६॥


रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय

नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय ।

पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥७॥


मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय

गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय ।

मातङ्ग चर्मवसनाय महेश्वराय

दारिद्र्य दुःखदहनाय नमः शिवाय ॥८॥


 वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्वरोगनिवारणं ।

सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ।

त्रिसंध्यं यः पठेन्नित्यं स हि स्वर्गमवाप्नुयात् ॥

 

॥ इति श्री मुनिवसिष्ठ विरचितं दारिद्र्यदहनशिवस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

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कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा (Kahna Ve Assan Tera Janmdin Manavna)

रीझा भरी घडी यह आई,
घर घर होई रोशनाई

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

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