त्रेतायुग में कैसे मनाई जाती थी होली, होली का संबंध श्रीराम से

WRITTEN  BY Team Bhakt Vatsal 12th March 2025

सनातन धर्म में होली का अत्यधिक महत्व होता है। इसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है।

होली का संबंध द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के अलावा त्रेता युग में भगवान राम से भी रहा है।

शास्त्रों के अनुसार, त्रेता युग में अयोध्या नगरी भव्यता और वैभव का प्रतीक मानी जाती थी।

त्रेता युग में होली के समय गुलाल और रंगों के साथ-साथ फूलों की भी वर्षा की जाती थी।

भगवान राम और माता सीता के विवाह के बाद अयोध्या के लोगों ने उनका स्वागत किया था।

माता सीता के विवाह के बाद अयोध्या आने पर पूरी नगरी ने फूलों और इत्र से स्वागत किया था।

होली के दिन भगवान राम और माता सीता ने पूरे राजपरिवार के साथ रंगों की होली खेली थी।