श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े में नहीं होते नागा साधु
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
28th Dec 2024
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होगा। इस महाकुंभ की शोभा देश के 13 प्रमुख अखाड़े हैं।
इन सभी 13 अखाड़ों के साधु संत शाही स्नान के दौरान पवित्र नदियों में आस्था की डुबकियां लगाते हैं।
इन्हीं 13 प्रमुख अखाड़ों में श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा भी सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, उदासीन अखाड़े की स्थापना 18वीं शताब्दी में हरिद्वार में की गई थी।
माना जाता है कि, इस अखाड़े के इष्टदेव श्री श्री 1008 चंद्र देव जी भगवान और ब्रह्मा जी के चार पुत्र हैं।
इस अखाड़े की सबसे खास बात ये है कि इसमें नागा साधु नहीं होते हैं। इसकी धर्मध्वजा में हनुमान जी हैं।
महाकुंभ के दौरान अखाड़े के साधु-संत दिन में तीन बार गंगा स्नान करने जाते हैं और घास पर सोते हैं।
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