प्रभु श्रीराम की मृत्यु कैसे हुई थी, जानें रहस्य

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 23rd Nov 2024

त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्रीराम के रुप में अवतार लिया। रामावतार श्रीहरि विष्णु के परमावतारों में से एक है।

श्रीराम अवतार में भगवान ने मर्यादा पुरुषोत्तम के रुप में सांसारिक लीलाएं की और रावण का वध किया।

भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके संसार को पापों से मुक्ति दिलाई और धर्म की स्थापना की।

रामावतार में अपने निर्धारित कार्यों को संपन्न करने के बाद भगवान पुनः अपने धाम को लौट गए।

लेकिन भगवान राम के देवलोकगमन या मृत्यु के बारे में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। कई भ्रांतियां भी हैं।

श्रीरामचरित मानस के अनुसार भगवान राम ने माता सीता को पवित्रता सिद्ध करने की बात कही थी।

इसके कारण उनका त्याग कर दिया था। फिर माता सीता दोनों बच्चों लव-कुश को राम को सौंपकर धरती में समा गईं।

इस तरह से उन्होंने मानव देह को त्याग दिया। इसके बाद श्रीराम ने माता सीता के वियोग में सब कुछ त्यागने का निश्चय किया।

उन्होंने सरयू नदी में जल समाधि लेने का प्रण लिया। लेकिन तभी उन्होंने ठीक पहले लक्ष्मण को राज्य निकाला दे दिया।

लक्ष्मण ने सरयू नदी में जल समाधि ले ली। इसके बाद ही भगवान राम ने भी सरयू नदी में जाकर मानव स्वरुप त्याग दिया।

फिर प्रभु श्रीराम जी अपने वैकुंठ धाम चले गए। जहां पर लक्ष्मी स्वरुप माता सीता मौजूद थी।

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