पाकिस्तान समेत इन 5 देशों में भी हैं माता के शक्तिपीठ
8th October 2024
जहां-जहां माता सती के अंग गिरे उन स्थानों पर शक्तिपीठ बने। कुछ शक्तिपीठ पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी हैं।
नेपाल में माता के दो शक्तिपीठ हैं। पहला शक्तिपीठ वो है जहां माता के घुटने गिरे थे। इस शक्तिपीठ को गुहेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
यहां पर माता की पूजा महामाया के नाम से होती है। नेपाल में गंडक नदी के पास माता का बायां गाल गिरा था और यहां माता को गंड़की के रूप में पूजा जाता है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में माता का एक शक्तिपीठ है। इसे हिंगलाज माता के नाम से जाना जाता है। यहां माता का सिर गिरा था। यहां माता को कोट्टरी देवी के रूप में पूजा जाता है।
बांग्लादेश के सिल्हेट जिले के जौनपुर गांव में पास माता का गाल गिरा था और इस स्थान को पर माता की पूजा महालक्ष्मी के रूप में की जाती है।
दूसरा शक्तिपीठ खुलना जिले में स्थित है। यहां माता की हथेली गिरी थी और इस जगह को यशोरेश्वरी के नाम से पूजा जाता है। बांग्लादेश के भवानीपुर में माता को अर्पणा के नाम से जाना जाता है, यहां माता के बायें पैर की पायल गिरी थी।
श्रीलंका के जाफना में माता की पायल गिरी थी, लेकिन ये जगह कहां है इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। श्रीलंका में माता को इंद्राक्षी के रूप में पूजा जाता है।
तिब्बत में मानसरोवर झील के पास माता सती का दायां हाथ गिरा था और यहां माता की पूजा दाक्षायणी के रूप में की जाती है। इस स्थान को मनसा शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।
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