नवरात्रि का दूसरा दिन, पूजा के समय पढ़िए मां ब्रह्मचारिणी कथा
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
31st March 2025
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है।
ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली देवी।
कथा अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने पर्वतों के राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
माता ने नारदजी के उपदेश से भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए तप किया था।
माना जाता है कि तपस्या के दौरान माता ने बिल्वपत्र खाये और भगवान शिव की आराधना की।
उन्होंने सूखे बिल्वपत्र खाना भी छोड़ दिए और कई वर्षों तक निर्जल, निराहार ही तप किया।
माता ब्रह्मचारिणी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी स्वीकार कर लिया था।
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