नवरात्रि के तीसरे दिन होती है मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें महत्व और पूजा-विधि
WRITTEN BY
TEAM BHAKT VATSAL
4th October 2024
नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की उपासना का विधान है।
लोकवेद में वर्णित माता की महिमा के अनुसार, मां चंद्रघंटा की कृपा से मनुष्य को अलौकिक और दिव्य शक्तियों के दर्शन का लाभ मिल सकता है।
शांति और कल्याण की स्वरूपा मां चंद्रघंटा का नाम मस्तक पर घंटे के आकार के अर्धचंद्र के कारण पड़ा है।
माता चंद्रघंटा की पूजा के लिए सबसे पहले कलश की पूजा करें। फिर गणेश, लक्ष्मी, विजया, कार्तिकेय, देवी सरस्वती समेत सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें।
इसके बाद मां की आराधना जया नामक योगिनी के नाम से करें। इसके बाद मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करें। खीर और शहद का भोग लगाएं।
नवरात्रि में तृतीया के दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा में दूध मुख्य सामग्री के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए।
पूजन के बाद वह दूध ब्राह्मण को देना चाहिए। इस दिन सिंदूर लगाना अति शुभ माना जाता है।
चंद्रघंटा मां की आराधना इन मंत्रों से करें.
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः।
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।।
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