मां लक्ष्मी का सातवां स्वरूप जय लक्ष्मी, विजय और जीत की देवी

मां लक्ष्मी को धन, वैभव, संपत्ति और यश की देवी माना जाता हैं। देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी।

माता लक्ष्मी अपने भक्तों की अनेक रूपों में मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। पुराणों में मां लक्ष्मी के 8 स्वरूपों का वर्णन हैं।

मां के आठ स्वरूपों को अष्टलक्ष्मी कहा जाता है। मां के ये अष्टलक्ष्मी स्वरूप अपने नाम के अनुसार भक्तों के दुख दूर करते हैं।

अष्टलक्ष्मी में मां लक्ष्मी का सातवां स्वरूप जय लक्ष्मी हैं। जय लक्ष्मी को विजया लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है।

मां लक्ष्मी का यह स्वरूप जीत या विजय का प्रतीक है। मां अपने भक्तों को विजय प्रदान करने के लिए मानी जाती हैं।

मां जय लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होती है।

मां विजया लक्ष्मी लाल साड़ी पहनती हैं और कमल के फूल पर विराजमान हैं। जय लक्ष्मी हर संकट से बचाती हैं।