मां लक्ष्मी का चौथा अवतार गज लक्ष्मी, कृषि और उर्वरता की देवी

माता लक्ष्मी के 8 स्वरूप हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा जाता है। हर स्वरूप का अपना महत्व है।

देवी लक्ष्मी का चौथा स्वरूप गज लक्ष्मी हैं। इस अवतार में मां लक्ष्मी कमल पर विराजमान हैं और उनके दोनों ओर हाथी हैं।

गज लक्ष्मी को कृषि और उर्वरता की देवी भी कहा जाता है। मां वैभव और समृद्धि प्रदान करवाने वाली देवी हैं।

देवी गज लक्ष्मी ने भगवान इंद्र को सागर की गहराई से खोए धन-धान्य को वापस हासिल करने में सहायता की थी।

इंद्र के राज को समृद्धि प्रदान करने वाली गज लक्ष्मी को राजलक्ष्मी भी कहा गया है। लोग वाहनों को मां स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं।

मां अपनी दोनों भुजाओं में दो कमल पुष्प धारण करती हैं। उनकी अन्य दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती है।

कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगो को मां लक्ष्मी के गज लक्ष्मी स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।