क्या महिलाएं भी नागा साध्वी बन सकती हैं?
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
06th Feb 2025
सनातन धर्म में महाकुंभ को विशेष दर्जा दिया गया है। महाकुंभ में पुरुषों के साथ महिलाओं का भी दीक्षा संस्कार हो रहा है।
जिस तरह से नागा साधु महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र होते हैं। ठीक उसी तरह नागा साध्वी भी आकर्षण का केंद्र होती हैं।
महिला नागा साधु ‘नागिन’, ‘अवधूतनी’, ‘माई’ कहलाती हैं और वस्त्रधारी होती हैं। सर्वाधिक ‘माई’ जूना अखाड़ा में हैं।
महाकुंभ के जूना अखाड़े में इनकी संख्या हजारों में है। अन्य अखाड़ों में भी महिला साधु हैं, लेकिन इनकी संख्या कम होती है।
महिलाओं के नागा संन्यासी बनने की भी एक कठिन प्रक्रिया होती है। जिससे महिला नागा साध्वी को गुजरना पड़ता है।
नागा संन्यासी बनने का निर्णय लेने वाली महिला के घर-परिवार और सांसारिक जीवन की गहन जांच-पड़ताल होती है।
उन्हें सांसारिक मोह माया छोड़कर ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। इसके बाद नागा साध्वी को दीक्षा दी जाती है।
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