कुंभ में कल्पवास कितने दिनों का होता है?
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
10th Jan 2025
कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से प्रयागराज में हो रही है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु कुंभ में स्नान के लिए पहुंचेंगे।
कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण कल्पवास होता है। यह एक धार्मिक अनुष्ठान होता है जो माघ माह में किया जाता है।
पौष पूर्णिमा के दिन लोग संगम में पहला स्नान कर अपने संकल्प की शुरुआत करते हैं और तंबू में रहते हैं।
इस दौरान लोग नियमित दिनचर्या का पालन करते हुए संगम तट पर रहकर साधना और तपस्या करते हैं।
कल्पवास की अवधि इच्छानुसार होती है। कल्पवास करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ग्रंथों के अनुसार, इसकी अवधि एक रात, तीन रात, एक महीना, छः साल, बारह साल या जीवन भर की हो सकती है।
कई अखाड़ों के साधु-संत और नागा साधु जीवनभर इस प्रक्रिया का पालन करते हैं। यह एक प्रकार का व्रत होता है।
मोक्ष की प्राप्ति के लिए राजा जनक ने यहां किया था कल्पवास
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