कौन होते हैं प्रयाग के नागा साधु?
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
07th Jan 2025
महाकुंभ भारतीय सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह हिंदू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है।
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।
इस बार महाकुंभ का आरंभ 13 जनवरी से होने जा रहा है। इसमें देश-दुनिया से करोड़ों लोग शामिल होने आते हैं।
कुंभ मेले में साधु-संत भी बड़ी संख्या में आते हैं। इन सभी के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र नागा साधु होते हैं।
प्रयागराज के कुंभ में दीक्षा लेने वाले साधु प्रयाग के नागा साधु होते हैं। नागा साधु सनातन धर्म के रक्षक भी होते हैं।
नागा साधु ‘अखाड़ा’ नामक धार्मिक संगठनों का हिस्सा होते हैं और यही नागा साधु सनातन धर्म के साधक भी होते हैं।
नागा साधु निर्वस्त्र जीवन यापन करते हैं। यह उनके मोह-माया त्यागने का प्रतीक है और इनका जीवन तपस्या में समर्पित है।
अखाड़ों की धर्म ध्वजा की स्थापना
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