कौन हैं जंगम साधु, जानिये यहां

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 11th Feb 2025

सनातन धर्म में महाकुंभ एक विशाल आयोजन माना जाता है। यह सनातन धर्म में धार्मिक महत्व रखता है।

महाकुंभ में भगवान शिव को आराध्य मानने वाले नागा साधुओं की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है।

इन्हीं में से एक गेरुआ लुंगी-कुर्ते सिर पर दशनामी पगड़ी धारण किये हुए कुछ साधु-संत होते हैं।

ये हाथ में विशेष आकर की घंटी लिए होते हैं। यह जंगम साधुओं की ही पहचान मानी जाती है।

कहा जाता है कि ये शिव जी की जांघ से उत्पन्न हुए थे। जांघ के नाम पर ही जंगम साधुओं का नाम पड़ा है।

जंगम साधुओं का जुड़ाव शैव संप्रदाय से होता है। जंगम साधु सिर्फ भगवान शिव की पूजा करते हैं।

जंगम साधु सिर्फ साधुओं से ही दान स्वीकार करते हैं। इन साधुओं की भिक्षा मांगने की विशेष शैली है।

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