कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत, जानें मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह दिन शिव आराधना के लिए समर्पित है।

धार्मिक मान्यता है कि शिवजी की पूजा से साधक को जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

इस माह का पहला प्रदोष व्रत 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार के कारण इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10.31 मिनट से 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट रहेगी।

ऐसे में प्रदोष काल पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर 29 अक्टूबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 17 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

पूजा के लिए सफेद फूल, फल, आक के फूल, मिठाई, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, धूप-दीप, सफेद वस्त्र समेत सभी चीजें एकत्रित करनी होगी।

प्रदोष व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। अब बेलपत्र, फल, फूल इत्यादि चढ़ाएं।

इसके बाद शिव परिवार की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और विधि-विधान से पूजा करें। सायंकाल प्रदोष मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। संभव हो तो शिव मंदिर जाए।