होलाष्टक को अशुभ क्यों मानते हैं, जानें पौराणिक कथा
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
08th March 2025
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सनातन धर्म में होली का अत्यधिक महत्व है। हिंदू धर्म में होलाष्टक से होली पर्व की शुरुआत मानी जाती है।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक लगने वाली इस तिथि में शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
होलाष्टक का महत्वपूर्ण कारण भगवान विष्णु भक्त प्रह्लाद और उसके पिता हिरण्यकश्यप से जुड़ा हुआ है।
खुद को भगवान मानने वाला राजा हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद की विष्णु भक्ति से नाराज था।
हिरण्यकश्यप ने फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक प्रह्लाद को भयंकर यातनायें दी थीं।
यही कारण है कि भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद के इन आठ कठिनाई भरे दिनों को अशुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अष्टमी से पूर्णिमा तक गृह उग्र हो जाते हैं। इस समय शुभ कार्य वर्जित होते हैं।
होली से 8 दिन पहले क्यों मनाया जाता है होलाष्टक?
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