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Team Bhakt Vatsal
1. भगवान गणेश की दो पत्नियां हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम रिद्धि और दूसरी पत्नी का नाम सिद्धि है। इसलिए उन्हें रिद्धि-सिद्धि के दाता भी कहा जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार गणेश जी की पत्नियां भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं।
2. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश ने कुल 64 अवतार धारण किए हैं। इनमें से 12 अवतार प्रमुख हैं जिनके नाम हैं: सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।
3. यदि हम भगवान श्री गणेश की परिवार की बात करें तो श्री गणेश की दो पत्नियां हैं जिनके नाम रिद्धी-सिद्धी हैं। इसके अलावा श्री गणेश के दौ पुत्र है जिनके नाम शुभ और लाभ हैं, साथ ही आमोद-प्रमोद भगवान गणेश के दो पोते हैं। शुभ और लाभ की पत्नियों के नाम तुष्टि और पुष्टि हैं।
4. सभी देवी-देवताओं में भगवान श्री गणेश एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा में दूर्वा चढ़ाई जाती है। दूर्वा भगवान को अतिप्रिय है।
5. भगवान गणेश की आराधना करने से केतु ग्रह के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष के अनुसार केतु के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
6. लेखन में गणेशजी को दक्षता प्राप्त है। कहा जाता है कि जब महर्षि वेदव्यास जी महाभारत लिख रहे थे तब उन्हें किसी ऐसे की तलाश थी जो बिना रुके महाभारत की कथा लिख सके। ऐसे में गणेशजी ने यह कार्यभार संभाला।
7. श्री गणेश को लेखन के अलावा नृत्य, वादन, वाणी, तर्क, विचार और बुद्धि का देवता कहा जाता है। श्री गणेश कला के स्वामी हैं और वे अपने याचक को बहुत ही सरलता से इन कलाओं को प्रदान कर देते हैं।