बैकुंठ धाम कहां और कितने हैं, जानिए रहस्य
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
10th Jan 2025
ऐसा माना जाता है कि बैकुंठ धाम एक ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता नहीं है और निष्क्रियता भी नहीं है।
कहा जाता है कि मरने के बाद व्यक्ति पुण्य कर्मों के अनुसार स्वर्ग लोक या बैकुंठ धाम जा सकता है।
सनातन धर्म के अनुसार, कैलाश पर महादेव, ब्रह्मलोक में ब्रह्मदेव और बैकुंठ लोक में विष्णु जी का निवास है।
इस लोक में जीवात्मा कुछ समय सुख और आनंद का अनुभव करती है और फिर मृत्यु लोक में चली जाती है।
मान्यताओं के अनुसार, धरती पर बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी और द्वारकापुरी को बैकुंठ धाम कहा जाता है।
दूसरा बैकुंठ धाम धरती से बाहर, ब्रह्माण्ड से बाहर और तीनों लोकों से ऊपर बताया गया है।
मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने द्वारका के अलावा भी एक नगर बसाया था जिसे बैकुंठ कहते हैं।
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