बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखें अहोई अष्टमी का व्रत, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त
WRITTEN BY
Team Bhaktvatsal
22th October 2024
अहोई अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को निर्जला रखा जाता है।
मान्यता है कि माता पार्वती और अहोई माता की पूजा करने से परिवार में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करने से सुख-समृद्धि आती है।
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इस दिन सभी माताएं शाम को तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। दरअसल, तारों को देखकर अर्घ्य देने की परंपरा है।
पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी की तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 01.20 बजे शुरु होगी और समापन 25 को सुबह 01.55 बजे होगा।
ऐसे में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.45 से 6 बजकर 58 मिनट तक होगा।
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महिलाओं को पूजा के लिए 1 घंटा 16 मिनट का समय मिलेगा। इस अवसर पर साध्य योग और अमृत सिद्ध योग बन रहा है।
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