365 दिनों में सिर्फ दिवाली पर खुलता है यह मंदिर, जानें रोचक कहानी
WRITTEN BYTeam Bhakt Vatsal30th October 2024
देशभर में हिंदू धर्म के कई चमत्कारिक और प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन्हीं में कर्नाटक में स्थित हसनंबा मंदिर भी शामिल है।
कर्नाटक के हासन जिले में स्थित हसनंबा मंदिर साल में एक ही बार खुलता है। वो भी दिवाली के दिन।
दिवाली के बाद मंदिर में दीपक जलाकर, फूल और प्रसाद चढ़ाते हैं और मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है।
जब अगले साल इस मंदिर के कपाट खुलते हैं। तब मंदिर के पुजारियों को वह दीया जलता मिलता है। साथ ही फूल और प्रसाद भी ताजा रहते हैं।
यह मंदिर बेंगलुरु से 180 किमी दूर है। इसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। ये जगह पहले सिमासनपुरी नाम से जानी जाती थी।
प्राचीन कथाओं के अनुसार, यहां बहुत समय पहले एक राक्षस अंधकासुर था। उसने कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर लिया।
वरदान के रूप में राक्षस ने ब्रह्मा जी से अदृश्य होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस वरदान को पाकर उसने ऋषि, मुनियों और मनुष्यों का जीवन जीना मुश्किल कर दिया।
ऐसे में भगवान शिव ने राक्षस का वध करने का जिम्मा लिया। लेकिन उस राक्षस के खून की एक-एक बूंद राक्षस बन जाते थे।
इसके बाद उसके वध के लिए भगवान शिव ने तपयोग से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया, जिन्होंने उसका नाश कर दिया।
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