सिर पर धारण किए हैं 225000 रुद्राक्ष, हठयोगी महंत की कहानी

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 10th Feb 2025

सनातन धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व होता है। इसका आयोजन बड़ा विशाल और भव्य होता है।

महाकुंभ मेले के दौरान दूर-दूर से कई साधु-संत त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए आते हैं।

इस दौरान कोई त्रिवेणी संगम में स्नान करता है तो कोई अपने तप और साधना के लिए आता है।

संगम तट पर डेरा जमाए महंत गीतानंद की दिनचर्या सुबह चार बजे से शुरू हो जाती है।

ये महंत अपने सिर पर 225000 रुद्राक्ष धारण किये हुए हठयोगी के रूप में साधना करते हैं।

महंत गीतानंद ने यह हठयोग 6 साल पहले प्रयागराज अर्धकुंभ के दौरान ही लिया था।

महंत गीतानंद ने मानवता और सनातन धर्म की रक्षा के लिए 12 तक रुद्राक्ष रखने के प्रण लिया है।

ऐसा हठ योग जिसे सोचकर भी रोंगटे खड़े हो जाएं