प्रयागराज के इन घाटों की महिमा अपरंपार, एक डुबकी से होता है उद्धार
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
04th Jan 2025
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। ये महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा।
ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान सभी पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है।
संगम घाट प्रयागराज का सबसे पवित्र घाट है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है।
अरैल घाट पर श्रद्धालुओं की संख्या कम होती है क्योंकि यहां अध्यात्म की राह पर चलने वाले लोग ही
आते हैं।
राम घाट ऐतिहासिक घाट है। इस घाट पर शाम को होने वाली आरती श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहती है।
दशाश्वमेध घाट को प्रयागराज के प्रमुख घाटों में गिना जाता है। इस घाट पर भी श्रद्धालु डुबकी लगाने आते हैं।
लक्ष्मी घाट पर सांस्कृतिक गतिविधियां की जाती हैं। इस घाट पर देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
संगम में स्नान से पहले करें इस देवता की पूजा
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