उत्पन्ना एकादशी व्रत के नियम और विधि, न करें ये गलतियां
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
24th Nov 2024
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है।
एकादशी के मौके पर सुबह उठकर पवित्र नदियों में डुबकी लगानी चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें।
अब अपने घर के मंदिर में जहां इष्ट देव विराजमान हैं, वहां पर घी का दिया जलाएं और विष्णु जी का आह्वान करें।
इसके बाद उनसे मोक्ष की कामना करें। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को जल, फूल, धूप अर्पित करें।
इस मौके पर आप भगवान विष्णु के लिए हलवा, खीर या अन्य मिठाई भी तैयार कर सकते हैं।
आरती के साथ पूजा पूर्ण करें। इस दौरान हुई गलतियों की क्षमा मांगे। दान करें। फिर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करें।
इसके बाद सात्विक भोजन करें, जिसमें प्याज लहसुन न डालें। श्रीहरि का आभार प्रकट करें। आपका व्रत सफल होगा।
कब है उत्पन्ना एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त
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