बैकुंठ चतुर्दशी पर क्यों खुला रहता है स्वर्ग का द्वार

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 13th Nov 2024

बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष को होती है। इस दिन शिव जी और विष्णु जी की पूजा का विधान है।

कहा जाता है कि जो व्यक्ति बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा करता है। उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

बैकुंठ चतुर्दशी का दिन सामान्य नर और नारी के लिए विष्णु जी की कृपा प्राप्ति का उत्तम साधन है।

भगवान विष्णु की कृपा से मृत्यु के बाद जीवात्मा को बैकुंठ में स्थान मिलता है।

सामान्यजनों के लिए बैकुंठ चतुर्दशी पर स्वर्ग के द्वार खुले रहते हैं। विष्णु नाम जप से ही स्वर्ग प्राप्त होता है।

नारद जी के आग्रह पर विष्णु जी ने जय और विजय को बैकुंठ चतुर्दशी पर स्वर्ग के द्वार खुले रखने का आदेश दिया।

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी एकाकार रूप में रहते हैं। विष्णु जी की पूजा से मोक्ष मिलता है।

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